अमरावती. चिखलदरा प्रादेशिक वन विभाग के तहत आने वाले मोथा गांव से सटे जंगलों में पाये गये मृत बाघ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ की मौत नैसर्गिक होने का तथ्य सामने आया है. 11 से 12 वर्ष की आयु के इस बाघ की वृद्धावस्था के चलते ही मौत हुई है. इससे पहले वन्य प्रेमियों में बाघ की मौत शिकार से होने की चर्चा थी. लेकिन पीएम रिपोर्ट के खुलासे ने तथ्य स्पष्ट कर दिया है. हालाकि इस बाघ की विसरा जांच के बाद ही अन्य जानकारी प्राप्त होगी. विसरा जांच के लिये प्रयोगशाला भेजा गया है.
शुक्रवार को मोथा में पहाड़ियों की दरारों के बीच बीट वनसंरक्षक पीपी साबले व वनमजदूर अमरया निखाडे को मृत बाघ दिखाई दिया था. इसके बाद शनिवार को जगह पर ही इस बाघ का पीएम किया गया व अंतिम संस्कार किये गये.